Murli Manohar


मुरली मनोहर ,हे बंसीधर ,

सुन लो विनती नाथ हमारी,

 

द्वार खड़े दोनों कर जोड़े,

कर दो कृपा तुम हे गिरधारी,

 

श्याम मुकुंदा, राधा रमणा

मोर मुकुट पीताम्बर धारी

 

मुरली मनोहर, हे मनमोहन

सुन लो विनती नाथ हमारी।

 

राह ताकू तेरी पंथ निहारू

राह दिखा दो हे त्रिपुरारी ,

 

यशोदा नंदन, हे ब्रजनंदन

माखन चुराए श्री बनवारी,

 

मुरली मनोहर, हे बंसीधर

सुन लो विनती नाथ नाथ हमारी

 

हृदय में राधे अधरों पे राधे

रास रचे राधेकृष्ण मुरारी।

 

मुरली मनोहर हे बंसीधर

सुन लो विनती नाथ हमारी।

- Dikshita Priyadarshini









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Author & Editor

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